Centre News Express (26 April)
अमृतपाल सिंह पंजाब में लोकसभा का चुनाव लड़ेगा. अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने शुक्रवार (26 अप्रैल) को इसकी पुष्टी कर दी है।अमृतपाल सिंह चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गया है। उसने पंजाब की खडूर साहिब सीट को चुना. पंजाब में 1 जून को लोकसभा के चुनाव होंगे।
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह लोकसभा चुनाव लड़ेगा। खडूर साहिब से उसकी उम्मीदवार का ऐलान हुआ है। इन दिनों वो असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उस पर एनएसए लगाया गया है.।अमृतपाल की उम्मीदवारी के ऐलान को लेकर उसके परिवार ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह लोकसभा चुनाव लड़ेगा। खडूर साहिब से उसकी उम्मीदवार का ऐलान हुआ है। इन दिनों वो असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उस पर एनएसए लगाया गया है.।अमृतपाल की उम्मीदवारी के ऐलान को लेकर उसके परिवार ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
बीते साल अमृतपाल देश में सुर्खियां बना था. अजनाला थाने पर हुए हमले के बाद पंजाब ही नहीं पूरे देश ने अमृतपाल की करतूतें और साजिशें देखी थीं. अपने साथी लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को रिहा करने के लिए अमृतपाल और उसके समर्थकों ने पुलिस के साथ हिंसक झड़प की थी. सैकड़ों लोगों ने थाने पर धावा बोल दिया था.
लवप्रीत के पकड़े जाने पर अमृतपाल ने कही थी ये बात
जब पुलिस ने लवप्रीत को पकड़ा तब अमृतपाल कह रहा था कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया. उसने लवप्रीत को रिहा करने और उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की धमकी दी थी. हालांकि, बाद में पुलिस ने लवप्रीत को रिहा किया था. इसके बाद पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार की काफी किरकिरी हुई थी.
इसी मामले में अमृतपाल का चाचा हरजीत सिंह का भी नाम था।उन्होंने सरेंडर कर दिया था। हरजीत के साथ ही अमृतपाल और उसके कुछ साथियों पर एनएसए भी लगाया गया। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल कई बार खुलेआम कह चुका है कि उसके भीतर खालिस्तान की भावना बनी रहेगी. इसे कोई दबा नहीं सकता।
हमें आजादी के लिए लड़ना है, हमारा पानी लूटा जा रहा
पंजाब के मोगा के रोडे गांव में मंच से एक बार उसने कहा था, ‘हम सभी (पंजाबी) अभी भी गुलाम हैं। जो लोग सोचते हैं कि हम आजाद हैं। उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। हमें आजादी के लिए लड़ना है. हमारा पानी लूटा जा रहा है. हमारे गुरु का अपमान हो रहा है. हम उन्हें दंडित करेंगे।
इतना ही नहीं वो भारतीय संविधान को नहीं मानता है। वो सिखों का अलग संविधान बनाने की वकालत करता रहा है.। वो ये भी कहता रहा है कि खालिस्तान का विचार कोई टैबू नहीं है। हम दमन और पीड़ा को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप फर्जी हैं। अजनाला में हिंसा इसलिए हुई क्योंकि मेरे खिलाफ एक फर्जी एफआईआर दर्ज की गई थी।