CENTRE NEWS EXPRESS (27 FEBRUARY) DESRAJ)
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में भारत ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपा का करारा जवाब देते हुए भारत ने कहा, पाकिस्तान एक नाकाम देश है। जो अंतरराष्ट्रीय अनुदानों पर जिंदा है।
झूठ फैलाते हैं पाकिस्तानी नेता
भारत के स्थायी मिशन के क्षितिज त्यागी ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में कहा, हमे इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि पाकिस्तानी नेता अपने सैन्य-आतंकवादी परिसर से झूठ फैलाते हैं। पाकिस्तान ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) को अपना मुखपत्र बताकर संगठन का मजाक उड़ाते हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस संगठन का समय एक असफल राज्य द्वारा बर्बाद किया जा रहा है, जो अस्थिरता पर पनपता है और अंतरराष्ट्रीय अनुदानों पर जीवित रहता है।
अपने हालात बदलने पर ध्यान दे पाकिस्तान
क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा थे, हैं और आगे भी रहेंगे। पाकिस्तान को भारत की बजाय अपने देश के हालात बदलने पर जोर देना चाहिए। इनकी इस बयानबाजी में पाखंड की बू आती है। यह हरकतें अमानवीय हैं और शासन व्यवस्था चलाने में अक्षमता को दर्शाती हैं। भारत अपनी प्रगति, लोकतंत्र और देशवासियों को सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
जम्मू कश्मीर में अभूतपूर्व बदलाव आए हैं
क्षितिज त्यागी ने बताया कि पिछले कुछ सालों से जम्मू कश्मीर और लद्दाख में अभूतपूर्व राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव आए हैं। जो काफी कुछ बयां करते हैं। यह सफलताएं दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से त्रस्त क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने की सरकार की प्रतिबद्धता में लोगों के भरोसे का प्रमाण हैं।
नागरिकहित में काम करे पाकिस्तान
क्षितिज त्यागी ने कहा, पाकिस्तान को भारत के प्रति अपनी परंपरागत सोच से बाहर निकलना चाहिए और उन मुद्दों का समाधान करना चाहिए, जो उसके नागरिकों को प्रभावित करते रहते हैं। भारत लोकतंत्र, प्रगति और अपने लोगों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। पाकिस्तान को भी भारत से यह मूल्य सीखना की जरूरत है।
पाकिस्तान मंत्री का आरोप
UNHRC की बैठक में इससे पहले पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने दावा किया था कि कश्मीर में लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है। जो कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।



