CENTRE NEWS EXPRESS (3 MARCH) DESRAJ
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रीय राजधानी में 1 अप्रैल से 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियों और 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर तेल नहीं मिलेगा। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह घोषणा की है। यह फैसला बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए लिया गया है। पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण लगाए जाएंगे, जो पुरानी गाड़ियों की पहचान कर सकेंगे। सरकार इस बारे में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को सूचित करेगी।
दिल्ली की हवा साफ करने की कोशिश
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने अधिकारियों के साथ हाल ही में एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया। इस बैठक में प्रदूषण को कम करने के उपायों पर चर्चा हुई। इस फैसले का मकसद गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करना और दिल्ली की हवा को साफ करना है। इस नए नियम को लागू करने के लिए, पेट्रोल पंपों पर खास डिवाइस लगाए जाएंगे। ये उपकरण पुरानी गाड़ियों को पहचानेंगे और उन्हें ईंधन देने से रोकेंगे।
लाखों लोग होंगे प्रभावित
मंत्री सिरसा ने बताया कि दिल्ली सरकार इस फैसले के बारे में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को सूचित करेगी। इसके बाद मंत्रालय शहर के सभी 425 से ज्यादा पेट्रोल पंप मालिकों को इस बारे में बताएगा। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में करीब 55 लाख पेट्रोल और डीजल गाड़ियां हैं, जो इस नियम के दायरे में आएंगी। इनमें से लगभग 66 फीसदी दोपहिया वाहन और 54 फीसदी चार पहिया वाहन हैं।
बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर जोर
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक शहर में चलने वाली लगभग 90 फीसदी CNG बसों को हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाना है। इससे प्रदूषण कम होगा और परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी। नए नियमों को लागू करने के लिए कई पेट्रोल पंपों पर AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे उन गाड़ियों की पहचान करते हैं, जिनके पास प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाणपत्र नहीं है। ऐसी गाड़ियों को पेट्रोल पंप कर्मी ईंधन नहीं देते। जिन पेट्रोल पंपों पर अभी ये कैमरे नहीं हैं, वहां जल्द ही इन्हें लगाया जाएगा।
पुरानी गाड़ियों पर कड़ी सख्ती
दिल्ली सरकार पुरानी गाड़ियों की पहचान करने के लिए टीमें भी तैनात करेगी। ये टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि ऐसी गाड़ियां शहर में न आएं। अगर ऐसी गाड़ियां पहले से ही शहर में हैं, तो उन्हें हटाया जाएगा। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है। यह पराली जलाने, सड़क की धूल और पटाखों से भी ज्यादा प्रदूषण फैलाता है।
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने इस कदम का स्वागत किया। दिल्ली सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 2018 के उस फैसले के मुताबिक है, जिसमें दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगा दी गई थी।



