CENTRE NEWS EXPRESS (27 NOVEMBER DESRAJ)
अमेरिका में राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी हुई है। यही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) रहते हैं। व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी से पूरे अमेरिका में कोहराम मच गया है। वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस से कुछ ही ब्लॉक की दूरी पर गोलीबारी हुई, जिसमें दो नेशनल गार्ड (National Guard soldiers) के जवान समेत तीन लोग घायल हो गए। घायलों की स्थिति नाजुक है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान अफगानी शरणार्थी रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में हुई है। FBI ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले को एफबीआई आतंकी हमले की तरह जांच करेगी।
व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी होने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। ट्रंप ने घटना की निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि इस हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगीः ट्रंप
इधर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि इस हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि ज़िम्मेदार जानवर को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने नेशनल गार्ड की प्रशंसा करते हुए कहा ‘ईश्वर हमारे महान नेशनल गार्ड और हमारी पूरी सेना एवं क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों को आशीर्वाद दे। ये सचमुच महान लोग हैं। मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में, और राष्ट्रपति कार्यालय से जुड़े सभी लोग, आपके साथ हैं।
कौन है रहमानुल्लाह?
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रहमानुल्लाह लकनवाल, जिसने “दो नेशनल गार्ड्स को गंभीर रूप से घायल” किया था, अफगानिस्तान से एक प्रवासी है, लकनवाल ऑपरेशन एलाइज वेलकम के तहत अमेरिका में दाखिल हुआ और उन्हें वाशिंगटन के बेलिंगहैम में बसाया गया। जांच से परिचित लोगों ने बताया कि लकनवाल अमेरिका पहुंचने के बाद वाशिंगटन राज्य में रह रहा था। न्यूयॉर्क पोस्ट ने कानून प्रवर्तन सूत्रों के हवाले से बताया कि लकनवाल ने उत्तर-पश्चिम डीसी में फर्रागुट वेस्ट मेट्रो स्टेशन के पास करीब 2:15 बजे (स्थानीय समय) कोने पर पहुंचने से पहले इंतजार किया, इसके बाद गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें उसने एक महिला गार्ड के सीने में गोली मारी और फिर उसके सिर में गोली मार दी।

डीसी में नेशनल गार्ड की तैनाती विवादों में
बता दें कि वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड की तैनाती पिछले महीनों से राजनीति का बड़ा मुद्दा बनी हुई है। अगस्त में 300 से ज्यादा सैनिकों को शहर में तैनात किया गया था, जिनमें से कई वापस लौट चुके हैं। हाल ही में 160 सैनिकों की तैनाती बढ़ाने का फैसला किया गया था। इसी दौरान ट्रंप प्रशासन ने डीसी पुलिस को संघीय नियंत्रण में लेने का आदेश भी दिया था, जिसे अदालत में चुनौती दी गई थी। वहीं घटना पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि जो भी सैनिकों पर वार करेगा, उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके अलावा उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी चिंता जताते हुए कहा कि हम सभी को प्रार्थना करना चाहिए। हमारे सैनिक इस देश की ढाल हैं। यह हमला गंभीर चेतावनी है।



