CENTRE NEWS EXPRESS (11 AUGUST DESRAJ)
वोट चोरी’ (VOTE CHORI) को लेकर इंडिया ब्लॉक के सांसदों का संसद से लेकर चुनाव आयोग (election Commission) मुख्यालय तक पैदल मार्च निकाला। पैदल मार्च में राहुल गांधी-प्रियंका समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहें। हालांकि रास्ते में दिल्ली पुलिस ने परमिशन नहीं लेने का हवाला देते हुए बैरिकेडिंग कर मार्च को रोक दिया। इसके बाद सांसद सड़क पर बैठ गए। दिल्ली पुलिस ने राहुल-प्रियंका और अखिलेश समेत कई सांसदों को हिरासत में लिया है। पुलिस सभी को वैन में बैठकर ले गई है।
प्रोटेस्ट में बेहोश हुईं महुआ मोइत्रा
वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) भी प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गईं। इस दौरान वे पुलिस की बस में थीं। महुआ मोइत्रा को बस में ही राहुल गांधी ने पानी पिलाया। पश्चिम बंगाल के आरामबाग से ही एक दूसरे सांसद मिताली बाग प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गईं। उन्हें सड़क पर लिटाकार साथी नेताओं ने पानी के छींटे मारे। इसके बाद राहुल गांधी उन्हें पकड़कर ले गए।
इससे बाद विपक्ष के करीब 300 सांसदों ने मकर द्वार से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च शुरू किया विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रगान गाया। ये सभी हाथों में ‘वोट बचाओ’ के बैनर लेकर चल रहे हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा था कि INDIA ब्लॉक ने मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि सरकार सुनना ही नहीं चाहती।
अखिलेश यादव बैरिकेड्स फांदकर कूदे
दिल्ली पुलिस ने इस दौरान सुरक्षा के कई लेयर का इंतजाम किया था। इस दौरान अखिलेश यादव विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच बैरिकेड्स फांदकर कूद गए। बैरिकेड से कूदे अखिलेश यादव को वहां मौजूद दूसरे नेताओं ने संभाल लिया।
थरूर बोले- सवाल गंभीर हैं, जवाब मिलना चाहिए
मार्च में शामिल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा- मेरे लिए यह मुद्दा बहुत सीधा है। राहुल गांधी ने कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब मिलना चाहिए। चुनाव आयोग की न सिर्फ देश के प्रति जिम्मेदारी है, बल्कि उसकी अपनी भी जिम्मेदारी है कि जनता के मन में हमारे चुनावों की विश्वसनीयता को लेकर कोई संदेह न रहे।चुनाव पूरे देश के लिए मायने रखते हैं। हमारा लोकतंत्र इतना अनमोल है कि इसे इस संदेह से खतरे में नहीं डाला जा सकता कि कहीं डुप्लीकेट वोटिंग तो नहीं, कहीं कई पते तो नहीं, या कहीं फर्जी वोट तो नहीं।अगर लोगों के मन में कोई संदेह है, तो उसका समाधान किया जाना चाहिए। इन सवालों के जवाब उपलब्ध हो सकते हैं, लेकिन ये जवाब विश्वसनीय होने चाहिए। मेरा बस यही अनुरोध है कि चुनाव आयोग



