Tuesday, December 16, 2025
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लेह हिंसा मामला : 26 प्रदर्शनकारी रिहा, 4 मौतों के मामले में जांच के आदेश ; सोनम वांगचुक की पत्नी ने राष्ट्रपति को लिखा

CENTRE NEWS EXPRESS (2 OCTOBER DESRSJ)

लद्दाख में हालिया हिंसा और तनाव के बीच प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए 26 प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया है. वहीं प्रशासन ने चार लोगों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है, वहीं स्थानीय नेताओं ने न्यायिक जांच की मांग रखी है. प्रदर्शनकारियों को रिहा करने के प्रशासन के इस कदम के बाद लोगों के आक्रोश में कमी आने की संभावना है.

मौतों को लेकर जांच के आदेश

बता दें कि, इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी और कई नागरिकों व सुरक्षाकर्मियों घायल हुए थे. आईएएस अधिकारी मुकुल बेनिवाल को इसके लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. उन्हें इस जांच को चार हफ्ते में पूरा करने के आदेश दिए गए हैं. उन्हें लद्दाख में हुई हिंसा के कारणों और पुलिस की प्रतिक्रिया के जांच के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है.

ये जांच घटना के तथ्यों और उस समय की परिस्थितियों का पता लगाने की कोशिश करेगी. प्रदर्शन इतना उग्र क्या किसी उकसावे में था या फिर सोची समझी साजिश, इसके सभी पक्षों की जांच की जाएगी. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी. मरने वाले लोगों की पहचान खरनाक के जिग्मेट डोरजे, हानू के रिंचेन दादुल, इगू के स्टैंजिन नमगेल और स्कुरबुचन के त्सेवांग थारचिन के रूप में की गई है।

सोनम वांगचुक की पत्नी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

इस बीच लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक नेता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. आंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उनके पति की रिहाई के लिए हस्तक्षेप की अपील की है. वांगचुक को 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लेकर राजस्थान की जोधपुर जेल भेजा गया था. वह 24 सितंबर की हिंसक झड़प के बाद से जेल में बंद हैं.

राष्ट्रपति को संबोधित तीन पृष्ठों के पत्र में गीतांजलि आंगमो ने लिखा कि, “मेरे पति को पिछले चार वर्षों से लोगों के हितों के लिए काम करने की वजह से बदनाम किया जा रहा है. वह कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं बन सकते. उन्होंने कहा कि वह नहीं जानतीं कि उनके पति किस हालात में हैं।

लद्दाख में क्यों हुआ था आंदोलन?

24 सितंबर को लद्दाख में हिंसा उस समय भड़की थी जब लोग केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. लेह में हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके दो दिन बाद वांगचुक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.

ViaCNE
SourceCNE
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