सेंटर न्यूज़ एक्सप्रेस (देसराज)
पंजाब की जालंधर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री सरदार चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ने की मुहर लगी है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस हाईकमान जल्द ही इसका ऐलान कर सकती है। सूत्रों की मानें तो SC वोट बैंक और चन्नी की लोकप्रियता को देखते हुए हाईकमान ने ये फैसला लिया है।
बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस के पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव और प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग जालंधर दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की नब्ज टटोली थी। इस दौरान करमजीत कौर चौधरी और पूर्व सीएम चन्नी के नाम की स्थानीय नेताओं ने पैरवी की थी।
जिसके बाद पंजाब प्रभारी ने संभावित नामों की लिस्ट कांग्रेस हाईकमान को सौंपी। सूत्रों से जानकारी मिली है कि कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व सीएम चन्नी के नाम पर मुहर लगा दी है।
कई नेता सीट के लिए कतार में थे
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शहर में राजनीति पिछले काफी समय से तेज थी। जालंधर के लिए शहर में कई बड़े नेताओं ने अपनी अपनी दावेदारी पेश की थी। जिसमें सबसे स्ट्रॉन्ग दावेदारी पूर्व स्व. सांसद चौधरी संतोख सिंह की पत्नी करमजीत कौर चौधरी की थी।
वहीं, पंजाब पुलिस से एसएसपी रिटायर्ड रजिंदर सिंह भी अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। मगर कुछ हाथ नहीं लगा। बीते दिन करतारपुर में पूर्व एसएसपी रजिंदर सिंह ने बड़ी रैली का आयोजन किया। जिसमें समर्थकों ने जालंधर सीट पर रजिंदर सिंह को चुनाव में उतारने के नारे लगाए थे।
कांग्रेस ने कैप्टन को हटाकर चन्नी को बनाया था मुख्यमंत्री
कांग्रेस ने वर्ष 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को ही CM बनाया था। 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने चन्नी को अपना CM चेहरा भी घोषित किया, लेकिन चन्री पार्टी को सरकार में रिपीट नहीं करवा पाए।
2023 में जालंधर से कांग्रेस के तत्कालीन सांसद संतोख चौधरी के निधन के बाद हुए उप-चुनाव में भी चन्नी को उम्मीदवार बनाने की चर्चाएं चली थीं। मगर, सांसद की पत्नी करमजीत कौर चौधरी को टिकट दी गई थी। जिन्हें कांग्रेस से आप में गए सुशील कुमार रिंकू ने हरा दिया। वहीं पर जालंधर से मौजूदा आप सांसद हैं। जालंधर लोकसभा सीट रिजर्व है और यहां दलित कम्युनिटी के वोट सबसे ज्यादा हैं। चन्नी भी दलित समाज से ही ताल्लुक रखते हैं।