ईश्वर एक है और उसका मूल रूप जानने कि लिए अध्यात्म ही रास्ता–डॉ. सूफी राज जैन जी
Centre News Express (Desraj)
नवरात्रों की समाप्ति के बाद अष्टमी पर सर्व धर्म ख्वाजा मंदिर के प्रांगण में डॉ. सूफी राज जैन जी ने कन्या पूजन और गरीब नवाज की छठी मनाते हुए समाज को सदभावना और एकता का संदेश दिया। डॉ. सूफी राज जैन जी ने कहा यह एक बहुत ही सुंदर और सामाजिक संदेश है। धर्म की सीमाओं को पार करके मानवता और प्रेम का संदेश देना वास्तव में अद्भुत है। अष्टमी के दिन सर्व धर्म ख्वाजा मंदिर में कन्या पूजन के दौरान संकीर्तन भी किया गया।
ईश्वर एक है और उसका मूल रूप जानने कि लिये अध्यात्म ही रास्ता
डॉ. सूफी राज जैन जी ने काह जैसे-जैसे कोई अध्यात्म (तसव्वुफ़) के रास्ते पर चलता है, उसे एहसास होता है कि मानवता का सार उस दिव्य प्रेम को स्वीकार करने में निहित है, जो उनके अस्तित्व में व्याप्त है। यह पहचानते हुए कि उन्हें प्रेम से बनाया गया है, व्यक्ति अपनी मानवता को एक पवित्र पात्र के रूप में स्वीकार करना शुरू कर देते हैं। जिसके माध्यम से दिव्य उपस्थिति प्रकट होती है।
डॉ सूफ़ी राज जैन जी ने कहा कि इस प्रकार के सामाजिक आयोजन से सामाजिक असमानता और भेदभाव को दूर करने का संदेश मिलता है। यह समाज के अलग-अलग वर्गों और समुदायों के बीच सामंजस्य और समरसता को बढ़ावा देता है। आज के समय में नारी को समाज में बराबर का सम्मान मिल रहा है।