Centre News Express (Desraj)
कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। राधिका खेड़ा ने ट्वीट कर लिखा- आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूँ व अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूँ। हाँ मैं लड़की हूँ और लड़ सकती हूँ, और वही अब मैं कर रहीं हूँ। अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूँगी। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को एक और झटका लगा है।
सुशील आनंद शुक्ला से विवाद के बाद ये इस्तीफा दिया है। राजीव भवन में सुशील आनंद शुक्ला से विवाद हुआ था। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता महिला नेत्री राधिका खेड़ा के साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में सुशिल आनंद शुक्ल ने छेड़छाड़ किया। ये मुद्दा पिछले 1 हफ्ते से चर्चा का विषय बना हुआ है और जब राधिका खेड़ा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से जब किसी भी तरह का न्याय नहीं मिला तो अपने सम्मान के लड़ने वाली राधिका खेड़ा ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
राधिका ने कहा जिस कांग्रेस पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं हो रहा है उस पार्टी के बड़े नेता राहुल गांधी दोगली जुबान का इस्तेमाल करते है अपने जनसभाओं में महिलाओं के सम्मान का मुद्दा बनाते है और एक कांग्रेस की महिला नेता के साथ जब उन्ही के प्रदेश कार्यालय में छेड़छाड़ हुआ उस पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई और न्याय पाने की जब उम्मीद राधिका खेड़ा को जब नहीं मिली तब मजबूर होकर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और महिला नेत्री राधिका खेड़ा ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना त्याग पत्र दिया
राधिका खेड़ा को कांग्रेस आलाकमान से फटकार मिली है। राधिका खेड़ा ने इस्तीफा पत्र में उल्लेख कर बताया कि आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं। वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं।