CENTRE NEWS EXPRESS (17 JUNE DESRAJ)
दि किसान सहकारी साथा चीनी मिल में 35 लाख की चीनी 30 दिन में बंदरों द्वारा चट करने के मामले में गोदाम कीपर सहित दो पर मुकदमा दर्ज हो गया है। इस घोटाले का खुलासा होने के बाद शासन स्तर से गठित कमेटी ने पूरे मामले की जांच की। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कारखाना प्रबंधक की ओर से थाना जवां में प्रभारी शुगर गोदाम कीपर और शुगर गोदाम कीपर पर एफआईआर दर्ज कराई है। मार्च महीने में यह स्टॉक घटकर 401.37 कुंतल रह गया।
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 1137 कुंतल सफेद चीनी बंदरों और बारिश के द्वारा खराब होना दर्शाया गया। इतना ही नहीं मार्च-2024 का शेष दर्शित स्टॉक भौतिक सत्यापन के लिए मिला ही नहीं। जिसका कोई भी स्पष्ट उत्तर गोदाम कीपर के द्वारा नहीं दिया।
मामले में गठित कमेटी ने प्रभारी शुगर गोदाम कीपर महीपाल सिंह, डी-5, आवासीय कॉलोनी, चीनी मिल साथा और शुगर गोदाम कीपर गुलाब सिंह निवासी ग्राम नवीनगर, खैर बाईपास रोड से स्पष्टीकरण मांगा और जांच के बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर दोनों के खिलाफ कारखाना प्रबंधक महेश शर्मा की ओर से थाना जवां में धारा 409 (अमानत में खयानत) के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा के सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने अपनी रिपोर्ट में कुल 1137 कुंतल चीनी वर्तमान अनुमानित बाजार मूल्य 3100 रुपये की दर से 35 लाख 24 हजार 700 रुपये की हानि संस्था को पहुंचाना सामने आया था। जिसके लिए ऑडिट रिपोर्ट में वर्तमान प्रधान प्रबंधक राहुल कुमार यादव, मुख्य लेखाधिकारी ओमप्रकाश, प्रबंधक रसायनविद एमके शर्मा, लेखाकार महीपाल सिंह, प्रभारी सुरक्षा अधिकारी दलवीर सिंह, गोदाम कीपर गुलाब सिंह पूर्ण रूप से उत्तरदायी माना था।
वहीं रिपोर्ट में लिखा गया है कि इनसे नियमानुसार इस धनराशि की की वसूली की जानी अपेक्षित है। ऐसे में सवाल उठता है कि अन्य लोगों को आखिर क्यों क्लीनचिट व किस आधार पर दी जा रही है।