CENTRE NEWS EXPRESS (26 MAY DESRAJ)
Bharat Rice Scheme Fraud Case: ‘भारत राइस योजना’ के तहत हुए एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले का प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पर्दाफाश किया है। जालंधर स्थित ईडी की ज़ोनल टीम ने 23 मई को पंजाब और हरियाणा के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर की। छापेमारी में ने 2.02 करोड़ कैश और 1.12 करोड़ रुपये के सोने के बुलेयन (बड़े सोने के टुकड़े), कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज़ और व्यापारिक रिकॉर्ड जब्त किया है।
यह छापेमारी पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर की गई। इसमें शिव शक्ति राइस मिल के मालिक गोपाल गोयल, जय जिनेन्द्र राइस मिल, हरीश कुमार बंसल समेत अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज है।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इन संस्थाओं ने सरकार की ‘भारत राइस योजना’ के तहत सब्सिडी पर मिलने वाले चावल को अवैध रूप से अन्य मिलों को बेच दिया या खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेचा, जिससे उन्हें अवैध मुनाफा हुआ।
जांच का दायरा बढ़ेगा
ईडी अब जब्त किए गए डिजिटल साक्ष्य, वित्तीय लेन-देन और कारोबारी दस्तावेजों की गहन जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में और भी व्यक्तियों और संस्थाओं को जांच के दायरे में लाया जा सकता है। संभावित गिरफ्तारी और संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। जांच एजेंसी जल्द ही मुख्य आरोपियों को पूछताछ के लिए समन भेज सकती है, और यह मामला कई राज्यों तक फैल सकता है।
योजना का मकसद हुआ विफल
भारत राइस योजना का उद्देश्य था कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को साफ-सुथरा, प्रोसेस्ड और पैक्ड चावल सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जाए। हालांकि आरोपियों ने इस योजना का दुरुपयोग करते हुए चावल को निर्धारित वितरण तंत्र के बाहर बेच दिया। इससे न केवल सरकारी योजना की भावना को ठेस पहुंची, बल्कि गरीबों का हक भी छीना गया। ईडी के अनुसार यह अवैध मुनाफा “अपराध की आय” (proceeds of crime) की श्रेणी में आता है और PMLA के तहत इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।



