CENTRE NEWS EXPRESS (2 AUGUST DESRAJ)
पंजाब में हो रही लगातार बारिश अब लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनकर सामने आ रही है। पंजाब के अधिकांश नदी और डैम में पानी भर चुका है नदियां और डैम खतरे के निशान से ऊपर चल रहे हैं।
आसपास रहने वालों को लगातार सावधान रहने की अपील की जा रही है। इन सभी के बीच में ब्यास नदी को लेकर बड़ी खबर आई है। गुरदासपुर जिले से गुजरने वाली विभिन्न नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गुरदासपुर से सटे जिलों में बने डैमों में भी लगातार पानी की मात्रा बढ़ रही है, जिसके कारण प्रशासन और संबंधित विभागों की ओर से सतर्कता और चौकसी और अधिक बढ़ा दी गई है।
ब्यास नदी में सामान्य से दोगुना पानी बहने के कारण क्षेत्र के लोग काफी चिंतित हैं। प्रशासन की अलग-अलग टीमें नदी के बहाव और संभावित खतरे वाले क्षेत्रों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन दिलप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने स्वयं विभिन्न नदियों का दौरा कर पानी की स्थिति और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। आपातकाल से निपटने की हुई तैयारी ब्यास नदी में एक लाख क्यूसेक तक पानी संभालने की क्षमता है, जबकि इस समय नदी में 65 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है, जो खतरे के निशान से नीचे है। जहां भी तटबंध (धुस्सी) टूटने की आशंका थी, उन स्थानों को पहले ही मजबूत कर दिया गया है।
संवेदनशील स्थानों पर मिट्टी की बोरियों की व्यवस्था कर दी गई है और टीमें तैनात की गई हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके। अन्य नदियां भी उफान पर गुरदासपुर जिले से भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ रावी और उज्ज नदी बहती हैं।
रावी नदी की बात करे तो इसमें में 1.5 लाख क्यूसेक तक पानी बह सकता है, और इस समय धर्मकोट पत्तन के पास एक लाख क्यूसेक पानी बह रहा है। भले ही यह सामान्य से ज्यादा है, लेकिन यह अब भी खतरे के निशान से काफी नीचे है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 24 घंटे की निगरानी की जा रही है.



