Monday, December 15, 2025
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घोड़े की तरह काम करो’ ! जापान की नई PM का फरमान, कर्मचारियों को 18 घंटे ड्यूटी करने का आदेश, रात 3 बजे मीटिंग पर मचा बवाल

CENTRE NEWS EXPRESS (15 NOVEMBER DESRAJ)

जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची सत्ता संभालने के कुछ दिन बाद से ही विवादों में घिर गईं हैं। जापान में प्रधानमंत्री ताकाइची द्वारा रात 3 बजे मीटिंग बुलाने के बाद देश में वर्क लाइफ बैलेंस पर बहस फिर तेज हो गई है। ताकाइची पहले दिन से ही अपने “काम, काम, काम और सिर्फ काम” वाले रवैये को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वह 18 घंटे काम करती हैं और वर्क लाइफ बैलेंस पर भरोसा नहीं करतीं। वह चाहती हैं कि लोग “घोड़े की तरह काम करें।”

खराब वर्क कल्चर के लिए बदनाम है जापान

बता दें कि, जापान पहले भी अपनी कठोर वर्क कल्चर की वजह से बदनाम रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद तेज आर्थिक विकास के दौरान काम का दबाव इतना बढ़ा कि कई लोग दिल के दौरे और तनाव के कारण अचानक मरने लगे। इन मौतों को कहा गया- करोशी यानी ओवरवर्क से मौत। करोशी रोकने के लिए सरकार को ओवरटाइम की सीमा तय करने और कर्मचारियों को आराम देने के कड़े नियम बनाने पड़े थे, महज 45 घंटे प्रति माह। लेकिन ताकाइची की कार्यशैली से अब यह डर बढ़ गया है कि कहीं जापान में ओवरवर्क का वही पुराना कल्चर फिर से लौट न आए।

रात 3 बजे मीटिंग पर विवाद

7 नवंबर को संसद में बजट पर चर्चा के लिए ताकाइची ने सुबह 3 बजे अपने सलाहकारों की मीटिंग बुलाई। इसे जापानी मीडिया ने ‘3AM स्टडी सेशन’ का नाम दिया।पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता योशिहिको नोदा ने इस फैसले को “पागलपन” बताया। उनका कहना था, “जब मैं प्रधानमंत्री था, तब सुबह 6 या 7 बजे काम शुरू करता था। दूसरों को रात के सन्नाटे में शामिल होने के लिए मजबूर करना गलत है।” विवाद बढ़ने पर ताकाइची ने सफाई देते हुए कहा कि उनके घर की फैक्स मशीन खराब थी, इसलिए उन्हें प्रधानमंत्री आवास जाकर तैयारी करनी पड़ी।

ओवरवर्क कल्चर की काली सच्चाई

जापान में काम का दबाव इतना अधिक है कि लोग भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में खड़े-खड़े या फुटपाथों पर सो जाते हैं। इतिहास में 1969 का एक भीषण उदाहरण है एक 29 वर्षीय कर्मचारी की ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई थी, जिसने 100 से अधिक घंटे काम किया था। ताकाइची के बयान और कार्यशैली से विशेषज्ञ चिंतित हैं कि जापान में फिर से वह दौर लौट सकता है जब लोग मानसिक और शारीरिक थकान से मौत के मुहाने पर पहुंच जाएं। ताकाइची पर आरोप है कि वह कर्मचारियों पर अनुचित दबाव डाल रही हैं और अपनी कार्यशैली को “आदर्श” बताकर गलत मिसाल पेश कर रही हैं।

ViaCNE
SourceCNE
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