CENTRE NEWS EXPRESS (25 NOVEMBER DESRAJ)
भारत की ‘सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी’ पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी करने वाले सगे भाई उद्योगपति नितिन और चेतन संदेसरा (sandesara Brothers) के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। देश के शीर्ष न्यायालय ने दोनों भाइयों को एक और मौका देते हुए 1.6 अरब डॉलर के बैंक धोखाधड़ी मामले में बकाया राशि का एक-तिहाई भुगतान करने का आदेश दिया है। अगर दोनों अरबपति भाई बकाया राशि का एक-तिहाई भुगतान नहीं करते हैं तो उन पर दर्ज आपराधिक आरोप नहीं हटाए जाएंगे और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि कहा कि यह आदेश मिसाल के तौर पर नहीं माना जाए। लेकिन अन्य मामलों में धोखाधड़ी करने वालों के लिए इस आदेश के तहत दलील देकर राहत पाने का रास्ता खुल गया है।
कोर्ट के आदेश के अनुसार, भाइयों के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वे 570 मिलियन डॉलर के सेटलमेंट के लिए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 17 दिसंबर की अंतिम तिथि तय की है। रोहतगी ने कोर्ट से सभी कार्यवाही खत्म करने का अनुरोध किया। कहा जा रहा है कि दोनों भाइयों ने सेटलमेंट के लिए केस के वादी से पहले अपने वकील के लिए जरिए बात कर ली है। इसके बाद ही कोर्ट ने इस सुझाव को मानते हुए 17 दिसंबर की अंतिम तिथि तय की है।
अल्बानियाई पासपोर्ट पर भारत से हुए थे फरार
दरअसल रेलू बैंकों से लिए गए कर्ज में डिफॉल्ट के आरोपों के बाद दोनों भाई 2017 में अल्बानियाई पासपोर्ट पर भारत से फरार हो गए थे। ये दोनों भाई 2018 के कानून के तहत 14 भगोड़े आर्थिक अपराधों में शामिल हैं, जो संपत्ति जब्त करने की अनुमति देता है। इस सूची में किंगफिशर एयरलाइंस के संस्थापक विजय माल्या और हीरा कारोबारी नीरव मोदी भी शामिल हैं, जो बैंक धोखाधड़ी के आरोपों से इनकार करते हैं। दोनों भाई भी लगातार आरोपों से इनकार करते रहे हैं।
बैंकों से ठगे 1.6 अरब डॉलर
संदेसरा समूह नाइजीरिया की स्टर्लिंग ऑयल एक्सप्लोरेशन एंड एनर्जी प्रोडक्शन का मालिक है, जो देश के कुल संघीय राजस्व में 2.5% योगदान देता है। भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी ने दोनों भाइयों पर भव्य पार्टियों का आयोजन करते हुए बैंकों को 1.6 अरब डॉलर का चूना लगाने का आरोप लगाया था। इसके बाद से सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई चल रही है।



