सेंटर न्यूज एक्सप्रेस (देसराज)
खन्नौरी बार्डर पर युवा किसान शुभकरण की मां सामने आई है। उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि वह मरी नहीं बल्कि जिंदा हैं, किसान नेताओं ने उसे मरी हुई घोषित कर दिया है। मैं चाहती हूं कि मेरे बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया जाए। मैं इसलिए सामने आई हूं क्योंकि किसानों ने मुझे मरा हुआ घोषित कर दिया था। इसलिए मुझे सामने आना पड़ा।
मुझे बता कर आंदोलन में गया शुभकरण
शुभकरण की मां वीरपाल ने दावा किया कि किसानी आंदोलन में जाने से पहले शुभकरण ने मुझे फोन किया था। उसने कहा था कि मां मैं जा रहा हूं। पर मैंने उसे आंदोलन में जाने से मना किया था। मैं शुभकरण से अलग अपने दूसरे पति के साथ रह रही थी और मेरी दो बेटियां भी हैं।
शुभकरण का संस्कार किया जाना चाहिए
शुभकरण की मां ने कहा कि करीब 13 साल से मैं अलग रह रही हूं। पर शुभकरण से और बेटी से हमेशा संपर्क में थी। फोन के साथ हम संपर्क में थे। शुभकरण कभी-कभी मिलने भी आता था। मेरे बेटे का अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए और उसे न्याय मिलना चाहिए।
किसान संस्कार न करवाने पर अड़े
वहीं शुभकरण की मौत पर किसान नेता संस्कार करवाने को तैयार नहीं है। किसानों का कहना है कि पहले शुभकरण का पोस्टमार्टम होना चाहिए। पोस्टमार्टम के बाद उन लोगों के खिलाफ FIR होनी चाहिए जिसकी वजह से शुभकरण की मौत हुई है।
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने एक्स पर एक वीडियो शेयर की है। सिद्धू ने एक्स पर लिखा कि क्या यह सभा करने और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के मौलिक अधिकार की मृत्यु है? उसकी हत्या किसने की और गोली मारने वाले अपराधी की पहचान कौन करेगा? क्या यह सीएम खट्टर हैं जिन्होंने केंद्र सरकार के साथ मिलकर निहत्थे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोली चलाने का आदेश दिया था?
21 फरवरी को हुई थी शुभकरण की मौत
आपको बता दें कि किसानों के दिल्ली कूच प्रदर्शन को लेकर शुभकरण अपने दोस्तों के साथ खन्नौरी बॉर्डर किसानों का साथ देने के लिए पहुंचा था। इस दौरान पुलिस की एक रबर की गोली उसके सिर में जा लगी। जिससे उसकी ईलाज के दौरान मौत हो गई।
पंजाब सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
शुभकरण की मौत पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी अफसोस जताया है। उन्होंने शुभकरण के परिवार के लिए सहायता राशि देते हुए एक करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था। इसके साथ ही उसकी बहन को भी सरकार नौकरी देने का वादा किया है।