Wednesday, December 25, 2024
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स्वर्ण मंदिर में योग करना पड़ गया भारी, इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना के खिलाफ केस दर्ज

Centre News Express (23 June Desraj)

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर पंजाब के गोल्डन टेंपल में योग करने को लेकर विवाद हो गया था। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने स्वर्ण मंदिर परिसर में योग किया था. जिसके बाद उनकी फोटो वायरल हो गई थी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने फोटो पर कड़ी आपत्ति जताई है। कमेटी ने मंदिर परिसर में ड्यूटी पर तैनात 3 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

रिपोर्ट के मुताबिक मामला यूट्यूबर अर्चना मकवाना से जुड़ा है। अर्चना एक योग परफॉर्मर हैं, वो यूट्यूब और सोशल मीडिया पर अपने योग वीडियो अपलोड करती रहती हैं। 21 जून को योग दिवस के मौके पर वो अवॉर्ड लेने दिल्ली आई थीं। इस दौरान वो अमृतसर स्थित श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेकने पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने हरमंदिर साहिब परिसर में योग करते हुए इंस्टाग्राम पर फोटो अपलोड की थी। फोटो वायरल होने के बाद विवाद हो गया था।

वहीं अमृतसर पुलिस ने अर्चना मकवाना के खिलाफ धारा 295-ए के तहत एफआईआर दर्ज की है। सोशल मीडिया पर सिखों की बदनामी और एक पार्टी के नेताओं के साथ उनकी तस्वीरें सामने आने के बाद, एसजीपीसी प्रवक्ता ने कहा कि उनकी मंशा की उचित जांच होनी चाहिए।

सिखों की भावनाएं आहत हुईं

एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि स्वर्ण मंदिर में इस तरह की चीजें करना सिख मर्यादा के खिलाफ है।

उन्होंने कहा महिला ने योग किया और बिना प्रार्थना किए स्वर्ण मंदिर से चली गई। कुछ लोग जानबूझकर इस पवित्र स्थान की पवित्रता और ऐतिहासिक महत्व को नजरअंदाज कर गलत काम करते हैं। एक लड़की द्वारा किए गए कृत्य से सिख भावनाओं और गरिमा को ठेस पहुंची है।

सीसीटीवी कैमरों की जांच में पता चला है कि मकवाना ने सिर्फ 5 सेकंड के लिए योग किया था। इस दौरान वहां तीन सुरक्षाकर्मी ड्यूटी पर थे. जांच के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया है और उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

सोशल मीडिया पर मांगी माफी

एसजीपीसी की कार्रवाई के बाद अर्चना ने अपने सोशल मीडिया पर स्टोरी पोस्ट कर माफी मांगी है। अर्चना ने कहा कि उन्होंने किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं किया। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि गुरुद्वारा साहिब के अंदर योग करना गलत है। वह सिर्फ सम्मान कर रही थीं और किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहती थीं।

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