Tuesday, December 16, 2025
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पंजाब सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयास का परिणाम… पंजाब में मिला भारत का पहला “पोटाश भण्डार”

CENTRE NEWS EXPRESS (7 JANUARY) DESRAJ

पंजाब के खनन एवं जल संसाधन विभाग के कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि देश में अन्य किसी भी स्थान पर पोटाश खनन नहीं होता, और पंजाब पहला राज्य है जहां यह खनिज पदार्थ पाया गया है। अब तक देश प्रतिवर्ष 50 लाख टन पोटाश का आयात करता था, जिसका उपयोग खेतों में उर्वरक के रूप में और अन्य उद्योगों में किया जाता था।

नहीं किया जाएगा जमीन का अधिग्रहण

कैबिनेट मंत्री ने इस अवसर पर इस विषय को लेकर लोगों में पैदा हो रही आशंकाओं को दूर करते हुए स्पष्ट किया कि पोटाश को निकालने के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा और न ही जमीन को कोई नुकसान होगा। बल्कि, ड्रिलिंग सिस्टम के माध्यम से यह खनिज निकाला जाएगा और इससे किसानों की भूमि स्वामित्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।पंजाब के कैबिनेट खनन एवं जल संसाधन मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल ने कहा कि पंजाब को खनन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे अन्वेषणों के परिणाम सामने आए हैं तथा राज्य और दक्षिण-पश्चिमी भाग में तीन खनन ब्लॉकों में पोटाश के बड़े भंडार पाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि पोटाश खनिज जमीन के नीचे 450 मीटर की गहराई पर स्थित है और इसे निकालने से पहले सरकार इसके सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों का गहन अध्ययन कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इन तीनों ब्लॉकों के आस-पास के क्षेत्रों में भी अन्वेषण कर रही है।

पंजाब को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के वादे को पूरा करेगी

बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि यह परियोजना अरविंद केजरीवाल द्वारा खनन के माध्यम से पंजाब को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के वादे को पूरा करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में नीलामी करने का अधिकार केंद्र सरकार को है, लेकिन इससे मिलने वाली रॉयल्टी पंजाब सरकार को ही मिलेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने इस संबंध में कब्बरवाला ब्लॉक से खनन के लिए अपनी सहमति दे दी है तथा जैसे ही केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में नीलामी की जाएगी, खनन शुरू हो सकेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसानों को आश्वासन देती है कि इस परियोजना में किसानों की कोई भी जमीन अधिग्रहित नहीं की जाएगी।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इन तीनों ब्लॉकों का कुल क्षेत्रफल लगभग 18 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन इसके आस-पास के क्षेत्रों में भी अन्वेषण किया जा रहा है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष राज्य को रेत व बजरी खनन से 288 करोड़ रुपये की आय हुई तथा आने वाले दिनों में राज्य में 104 और खदानें चालू होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि नदियों से रेत निकालने के लिए 27 स्थानों की पहचान की गई है।

ViaCNE
SourceCNE
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