CENTRE NEWS EXPRESS (26 MARCH) DESRAJ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक के बाद एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। ट्रम्प ने मंगलवार (25 मार्च) को फिर बड़ा फैसला लिया। ट्रम्प ने अमेरिकी चुनाव में वोटिंग के नियम बदल दिए हैं। चुनावी प्रकिया में बदलाव के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर कर आगे की कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त किया है। अब संघीय चुनावों में अमेरिकी नागरिकों को वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का प्रमाण देना होगा। एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रम्प ने कहा-चुनावी धोखाधड़ी…। आपने यह शब्द सुना होगा। मैं इसे खत्म करने जा रहा हूं।
मकसद: अप्रवासियों पर नकेल कसना
ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, चुनावी प्रकिया में बदलाव का मकसद मतदाता सूची में अवैध रूप से शामिल अप्रवासियों पर नकेल कसना है। नए आदेश के अनुसार, केवल चुनाव के दिन तक प्राप्त होने वाले मतपत्रों को ही गिनती में शामिल किया जाएगा। आदेश में ट्रम्प ने कहा कि भारत और ब्राजील मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि नागरिक इसके लिए काफी हद तक सेल्फ अटेस्ट करने पर निर्भर हैं।
आदेश का पालन नहीं वालों को चेतावनी
नया आदेश जारी होने के बाद ट्रम्प प्रशासन ने राज्यों से मतदाता सूचियों को साझा करने और चुनाव अपराधों पर मुकदमा चलाने के लिए संघीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया है। सहयोग न करने की स्थिति में संघीय वित्तीय मदद वापस लेने की चेतावनी भी दी है। यदि राज्यों के चुनाव अधिकारी संघीय आदेशों का पालन नहीं करते, तो उनके लिए संघीय वित्त पोषण रोका जा सकता है।
‘2020 की हार का कारण फर्जी मतदान’
ट्रम्प लंबे समय से दावा कर रहे हैं कि अमेरिका के चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है। ट्रम्प ने 2020 के चुनाव में अपनी हार के पीछे फर्जी मतदान को वजह बताया था। 2020 के चुनाव नतीजे आने से पहले ही उन्होंने डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बाइडन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। चुनाव में मिली हार के बाद से ही ट्रम्प मतदान से जुड़े कई कानूनों का खुलकर विरोध कर रहे हैं। बार-बार धोखाधड़ी के आरोप लगा रहे हैं।



