CENTRE NEWS EXPRESS (6 JUNE DESRAJ)
वाशिंगटन। टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क ने अमेरिका में प्रस्तावित टैरिफ नीति को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित आक्रामक व्यापार शुल्क (टैरिफ) यदि लागू किए गए, तो 2025 के अंत तक अमेरिका को आर्थिक मंदी की ओर ले जा सकते हैं। मस्क ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “ट्रंप के टैरिफ से मंदी आ सकती है।” यह बयान मस्क के पहले ट्रंप समर्थक रुख से एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।
दोनों प्रभावशाली हस्तियों के बीच तनाव तब बढ़ा जब ट्रंप ने ओवल ऑफिस में मस्क की आलोचना की। इसके बाद कुछ ही घंटों में दोनों ने एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणियाँ शुरू कर दीं — ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर और मस्क ने ‘एक्स’ पर। एपी (एसोसिएटेड प्रेस) की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने कहा कि सरकार के बजट को बचाने का सबसे आसान तरीका है मस्क को दी जा रही सरकारी सब्सिडी और अनुबंधों को समाप्त करना। उन्होंने दावा किया कि मस्क इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि उनके विधायी प्रस्ताव में ऐसा प्रावधान है जो इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कर लाभ को घटा देगा, जिससे टेस्ला को सीधा नुकसान होगा।
ट्रंप ने मस्क पर तंज कसते हुए लिखा, “एलन धीरे-धीरे परेशान हो रहे थे। मैंने उनसे कहा कि मैं उनका ईवी जनादेश हटा दूँगा, जो सभी को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए मजबूर करता है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि मस्क पहले से जानते थे कि यह बदलाव होने वाला है। इसके जवाब में मस्क ने कहा कि यदि विधायकों द्वारा कानून में “फालतू प्रावधानों” को हटा दिया जाए, तो उन्हें ईवी क्रेडिट में कटौती से कोई आपत्ति नहीं है। मस्क ने साथ ही यह विचार भी रखा कि एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन होना चाहिए, जो वास्तव में देश की मध्यम वर्ग की 80 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करे।
मस्क ने ट्रंप द्वारा प्रस्तुत “बड़ा सुंदर विधेयक” (Big Beautiful Bill) की भी आलोचना की और कहा कि इससे न केवल राष्ट्रीय बजट घाटा बढ़ेगा, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को भी बड़ा नुकसान होगा। प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, 2025 के अंत तक कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों, जैसे टेस्ला मॉडल्स, पर मिलने वाला $7,500 का संघीय कर लाभ समाप्त कर दिया जाएगा, जबकि यह लाभ मूलतः सात वर्षों तक जारी रहना था। वित्तीय संस्थान जेपी मॉर्गन का अनुमान है कि इस कदम से टेस्ला की वार्षिक कमाई में 1.2 अरब डॉलर तक की गिरावट आ सकती है।



