Tuesday, December 16, 2025
Google search engine
HomeNationalCM रेखा गुप्ता ने स्पीकर से की ‘फांसी घर’ करार देने वालों...

CM रेखा गुप्ता ने स्पीकर से की ‘फांसी घर’ करार देने वालों पर FIR की मांग, केजरीवाल सरकार में इस पर खर्च हुए 1 करोड़ रुपये की जांच होनी चाहिए

CENTRE NEWS EXPRESS (7 AUGUST DESRAJ)

दिल्ली विधानसभा में फांसी घर (hanging house) के मुद्दे पर फिर से चर्चा हुई, जिसमें जमकर हंगामा हुआ. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta)ने कहा कि इस झूठे फांसी घर पर खर्च किए गए 1 करोड़ रुपये की वसूली की जानी चाहिए. उन्होंने फांसी घर को हटाने और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर विस्तृत जांच की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने ऐतिहासिक दस्तावेजों के आधार पर यह स्पष्ट किया कि जिसे ‘फांसी घर’ कहा गया, वह वास्तव में अंग्रेजों के समय का ‘टिफ़िन रूम’ और ‘लिफ्ट रूम’ था

उन्होंने 1911 का आधिकारिक नक्शा, जो राष्ट्रीय अभिलेखागार से प्राप्त किया गया था, सदन में प्रस्तुत किया और बताया कि विधानसभा परिसर में फांसी घर होने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जिस स्थान को पूर्व सरकार ने फांसी घर के रूप में दर्शाया था, वह 1911 के नक्शे में टिफ़िन रूम और लिफ्ट के रूप में दर्ज है. इसके बावजूद, पूर्व सरकार ने इस पर 1 करोड़ 4 लाख 49 हजार 279 रुपये खर्च किए।

विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को फांसी घर पर चर्चा की शुरुआत की. इस दौरान महरौली के विधायक गजेंद्र यादव ने फांसी घर के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें मुगलों की मानसिकता झलकती है. जब भाजपा विधायक ने खालिस्तान समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी के नेताओं के संबंधों का जिक्र किया, तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन की कार्यवाही से इसे हटाने की मांग की. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच जोरदार नारेबाजी हुई, जिसके परिणामस्वरूप नेता प्रतिपक्ष आतिशी सहित आम आदमी पार्टी के चार विधायकों को मार्शल द्वारा बाहर किया गया।

इतिहास के साथ छेड़छाड़: चर्चा के दौरान रेखा गुप्ता ने फांसी घर के दावे को अस्वीकार करते हुए इसे इतिहास के साथ खिलवाड़, शहीदों का अपमान और जनता के साथ धोखा करार दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिना किसी प्रमाण के विधानसभा भवन में फांसी घर की घोषणा कर जनता की सहानुभूति हासिल करने का प्रयास किया।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि भवन में लगे भ्रामक फांसी घर के बोर्ड को तुरंत हटाया जाए, ताकि 24-25 अगस्त को दिल्ली में होने वाले ऑल इंडिया स्पीकर सम्मेलन में स्पीकरों को गलत इतिहास का सामना न करना पड़े. इसके निर्माण पर हुए एक करोड़ रुपये के खर्च की वसूली भी सुनिश्चित की जाए.

मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भगत सिंह जैसे शहीदों का अपमान किया है और उनकी असली मंशा केवल लूट है. उन्होंने आप विधायक संजीव झा को भी निशाने पर लिया, जो खुद को इतिहास का छात्र बताते हैं और दावा करते हैं कि भगत सिंह ने इस सदन में बम फेंका. सिरसा ने सवाल उठाया कि ये लोग इतना झूठ कहां से लाते हैं और कहा कि झूठे तथ्यों को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि विपक्ष इतिहास को बदलने की कोशिश कर रहा है और गलत जानकारी सदन में पेश कर रहा है. मंत्री कपिल मिश्रा ने भी विपक्ष पर तीखा हमला किया।

AAP ने क्या कहा?

विधायक संजीव झा ने चर्चा के दौरान यह स्पष्ट किया कि कई ऐतिहासिक इमारतें और घटनाएं दस्तावेजों में दर्ज नहीं होतीं, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि वे असत्य हैं. उन्होंने सबूत के रूप में उस कमरे का उल्लेख किया, जिसे फांसी घर कहा जाता है, जहां रस्सी, कंचे और जूते मिले थे. उनका दावा था कि अंग्रेज फांसी के बाद काँच के गोले और कंचे का उपयोग करते थे यह जानने के लिए कि फांसी पर चढ़ाया गया व्यक्ति जीवित है या नहीं. संजीव झा के अनुसार, यह जानकारी भगत सिंह पर लिखी हरबंश राज की किताब में भी उपलब्ध है.

विधानसभा में ऐसा कोई स्थान नहीं : विजेंद्र गुप्ता

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मीडिया को कथित फांसी घर का दौरा कराया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका उद्देश्य भ्रामक धारणाओं को समाप्त करना है. इस स्थान के बारे में न तो कोई ऐतिहासिक प्रमाण है और न ही कोई अभिलेखीय आधार, इसे पूरी तरह से एक मिथक के रूप में प्रस्तुत किया गया है. जिस भवन को फांसी घर कहा जा रहा है, वहां वास्तव में एक लिफ्ट है, जो ब्रिटिश काल में सदस्यों के लिए टिफिन पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई थी.

यह अंग्रेजों की क्रूरता का प्रमाण : संजीव झा

विपक्ष के विधायक संजीव झा ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी के लोग यह दावा कर रहे हैं कि हम इतिहास को बदलने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि यह फांसी घर अंग्रेजों की क्रूरता का एक स्पष्ट प्रमाण है. उन्होंने स्वीकार किया कि इस फांसी घर का कोई ठोस रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, लेकिन इतिहासकारों के बीच कई घटनाओं पर मतभेद हैं. रिकॉर्ड के अनुसार, इस सदन में कई गुप्त बैठकें आयोजित की जाती थीं, और फांसी घर में महत्वपूर्ण साक्ष्य मौजूद हैं. उन्होंने तथ्यों को सामने लाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

ViaCNE
SourceCNE
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments