CENTRE NEWS EXPRESS (6 NOVEMBER DESRAJ)
शेयर बाजार की चाल आज कुछ बदली-बदली सी रही. शुरुआती घंटे में दिखी हल्की तेजी दोपहर तक ठहर सी गई. सेंसेक्स −7.80 (0.0093%) अंकों की मामूली गिरावट के साथ 83,451.35 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी −42.60 (0.17%) अंक गिरकर 25,555.05 पर टिक गया. बाजार की दिशा फिलहाल उतार-चढ़ाव में है, कभी तेजी की उम्मीदें, तो कभी मुनाफावसूली का दबाव।
FMCG और IT सेक्टर ने आज निवेशकों को राहत दी. इन दोनों सेक्टरों में खरीदारी का रुझान दिखा, जिससे सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयर हरे निशान में पहुंचे. वहीं, मेटल और एनर्जी सेक्टर के शेयरों में बिकवाली हावी रही. निवेशकों का रुझान रिटेल और ऑटो कंपनियों की ओर झुका हुआ है।
IPO सेगमेंट में हलचल
आज बाजार में नई लिस्टिंग ने भी हलचल बढ़ाई. ऑर्कला इंडिया का IPO मेनबोर्ड सेगमेंट में करीब 2.75% प्रीमियम के साथ ₹750 पर लिस्ट हुआ. निवेशकों ने पहले ही सत्र में इसमें रुचि दिखाई।
ग्लोबल मार्केट का असर (Sensex and Nifty Market)
विदेशी बाजारों से मिले मिले-जुले संकेतों का असर भारतीय बाजार पर भी दिखा. जापान का निक्केई इंडेक्स 1.11% की तेजी के साथ 50,768 पर कारोबार कर रहा है.
कोरिया का कोस्पी 1.32% ऊपर 4,057 पर और हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 1.63% चढ़कर 26,357 के स्तर पर पहुंच गया.
अमेरिकी बाजारों में भी सकारात्मक रुझान रहा. डाउ जोन्स 0.48%, नैस्डैक 0.65%, और S&P 500 0.37% की बढ़त के साथ बंद हुए।
FII-DII की चाल
विदेशी निवेशकों (FII) ने 4 नवंबर को ₹1,067 करोड़ के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹1,202 करोड़ की खरीदारी की. अक्टूबर में FPI निवेश ₹14,610 करोड़ रहा, जबकि सितंबर में ₹35,301 करोड़ की निकासी दर्ज की गई थी. घरेलू निवेशकों ने इस दौरान ₹65,343 करोड़ की नेट खरीदारी की थी।
पिछले सत्र की तस्वीर (Sensex and Nifty Market)
4 नवंबर को बाजार में गिरावट दर्ज हुई थी. सेंसेक्स 519 अंक टूटकर 83,459 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 165 अंक गिरकर 25,597 पर बंद हुआ था. मंगलवार को कारोबार के दौरान दबाव बना रहा, हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में FMCG और बैंकिंग सेक्टर बाजार को स्थिरता दे सकते हैं.
शेयर बाजार आज मिश्रित संकेतों के बीच सधा हुआ नजर आया. तेजी और गिरावट के बीच निवेशकों की नजर अब ग्लोबल ट्रेंड और कॉरपोरेट अर्निंग पर टिकी है. फिलहाल सेंसेक्स 83,400 के पार टिके रहना निवेशकों के लिए एक मनोवैज्ञानिक सपोर्ट लेवल माना जा रहा है.



