Centre News Express (5 July Desraj)
हाथरस में 123 मौतों के जिम्मेदार बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल सिंह जाटव ने अपनी चरण धूल लेने के लिए भक्तों को उकसाया और हादसा हो गया। बाबा की ऐसी कई कहानियां है, जो आपको जानने के बाद हैरानी कर देगी। सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा यूपी पुलिस में कांस्टेबल से अचानक इतना चमत्कारी और जादुई कैसे बना। आइए जानते है….
यौन शोषण के आरोपों के चलते गंवाई नौकरी
दरअसल, सूरजपाल सिंह जाटव 1999 तक यूपी पुलिस का एक सिपाही हुआ करता था। इस दौरान लंबे समय तक उसकी पोस्टिंग लोकल इंटेलिजेंस यूनिट यानी एलआईयू में रही। लेकिन नौकरी के दौरान यौन शोषण के आरोपों के बाद उसको गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उसे जेल जाना पड़ा और इसके चलते उसकी पुलिस की नौकरी भी चली गई।
पत्नी को माताश्री के नाम से बुलाते है भक्त
58 वर्षीय सूरजपाल सिंह जाटव कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव के एक दलित परिवार से है, जो हाथरस से लगभग 65 किलोमीटर दूर है। इस गांव की प्रधान नाजिस खानम के पति जफर अली ने बताया, “वो शादीशुदा हैं. उनके कोई बच्चे नहीं हैं। पुलिस से नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने अपना नाम भोले बाबा रख लिया था, जबकि उनकी पत्नी को माताश्री के नाम से जाना जाता है। वो तीन भाइयों में दूसरे नंबर के हैं।” उनके बड़े भाई की कुछ साल पहले मौत हो गई थी, जबकि उनके छोटे भाई राकेश, जो एक किसान हैं, अभी भी अपने परिवार के साथ गांव में रहते हैं।
बाबा पर दर्ज है पांच मुकदमे
बाबा ने जेल से निकले के बाद बताया कि भगवान के दर्शन होने के बाद उसने खुद ही पुलिस की नौकरी से वॉलेंटियरली रिटायरमेंट ले लिया है। भोले बाबा के नाम से मशहूर सूरजपाल सिंह जाटव पर सिर्फ यौन शोषण का एक एफआईआर ही दर्ज हुआ था, बल्कि सच्चाई तो ये है कि उसके ऊपर अब तक पांच मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें 1-1 केस उत्तर प्रदेश के आगरा, इटावा, कासगंज, फर्रुखाबाद और राजस्थान के दौसा में दर्ज हुआ है।
भगवान से बाबा का सीधा साक्षात्कार
बाबा के भक्तों ने बताया कि बाबा ने जेल से बाहर आने के बाद कहना शुरू कर दिया कि उसे भगवान का साक्षात्कार हो गया है। उसके आशीर्वाद से लोगों के दुख दूर हो सकते हैं। लेकिन सूरजपाल कभी भगवा वस्त्र नहीं पहनता था और ना ही उनकी तरह बाल और दाढ़ी रखता, बल्कि इसके उलट वो हमेशा सफेद सूट में ही नजर आता।
आश्रम में चमत्कारी हैंडपंप से बीमारियां ठीक करने का दावा
इसके बाद बाबा ने लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने की शुरुआत कर दी। बता दें कि बाबा के घर के बाहर एक हैंडपंप हुआ करता था। बाबा ने उसके पानी को चमत्कारिक बताना शुरू कर दिया और लोग उसी हैंडपंप का पानी पीने के लिए दूर-दूर से आने लगा। इसके बाद बाबा ने जहां-जहां आश्रम बनाये या जहां-जहां भी उसका ठिकाना होता, वहां हैंडपंप जरूर लगा लेता है। उसके चाहने वालों में गरीब और कम-पढ़े लिखे लोगों की तादाद ही सबसे ज्यादा है।
कैंसर से बेटी को नहीं कर पाए थे ठीक
बाबा को जानने वाले एक शख्स पंकज ने बाबा से जुड़ा एक वाकया बताया। उनका कहना है कि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल सिंह जाटव की अपनी कोई संतान नहीं है। उसने अपनी भतीजी को गोद ले लिया था। कुछ समय बाद उसे कैंसर होने की बात सामने आई। जब बाबा सत्संग से लौट कर आए, तब तक उनकी गोद ली हुई भतीजी की मौत हो चुकी थी। लेकिन बाबा के अनुयायी ने बेटी का अंतिम संस्कार नहीं करने देना चाहते थे। क्योंकि उन्हें बाबा के चमत्कार पर यकीन था कि वह अपनी बेटी को ठीक कर देंगे।
30 बीघा जमीन पर बनवाया है अपना आलीशान आश्रम
गांव की प्रधान नाजिस खानम के पति जफर अली ने बताया कि उन्होंने गांव में अपनी 30 बीघा जमीन पर आश्रम बनवाया है। दूसरे जिलों और यहां तक कि राज्यों से भी लोग उनका आशीर्वाद लेने आश्रम आते हैं। उन्हें आश्रम में रहने की सुविधा भी दी जाती है।