Monday, December 15, 2025
Google search engine
HomeNationalजम्मू-कश्मीर में रहस्यमयी बीमारी से हड़कंप: 44 दिनों में 17 की मौत; पूरा...

जम्मू-कश्मीर में रहस्यमयी बीमारी से हड़कंप: 44 दिनों में 17 की मौत; पूरा गांव कंटेनमेंट जोन घोषित

CENTRE NEWS EXPRESS (23 JANUARY) DESRAJ

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से हड़कंप मच गया है। इस बीमारी की चपेट में आने से बीते 44 दिनों में 17 लोगों की मौत हो चुकी है। गांव को डर और चिंता से भर दिया। जांच में न्यूरोटॉक्सिन मिला है। प्रशासन ने पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। बधाल गांव के लोग इस रहस्मय बीमारी से बेहद डरे हुए हैं।  सरकार और प्रशासन इस बीमारी से निपटने में मुस्तैदी से जुट गया है। बुधवार को तीन लोगों को हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया। आइए, जानते हैं इस बीमारी से अब तक क्या हुआ है और इससे निपटने के लिए क्या है तैयारियां। 

बधाल गांव बना कंटेनमेंट जोन  
राजौरी जिले का बधाल गांव रहस्यमयी बीमारी की चपेट में है। 7 दिसंबर से लेकर 19 जनवरी तक तीन परिवारों के 17 सदस्यों की मौत हो चुकी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया। अब गांव को तीन अलग-अलग क्षेत्रों में बांटा गया है। प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें तैनात कर दी गई है। इस कदम का मकसद बीमारी को फैलने से रोकना और स्थिति पर काबू पाना है। सेना को भी गांव में स्थिति संभालने के लिए उतारा गया है। बीमारी की वजह से गांव के लोग सेना के पहरे में रहने के लिए मजबूर हैं।

जिन घरों में मौतें हुईं, उन्हें सील किया गया 
प्रशासन ने गांव को तीन हिस्सों में बांटकर अलग-अलग कंटेनमेंट जोन बनाए हैं। पहला जोन उन परिवारों के लिए है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन घरों को सील कर दिया गया है। दूसरे जोन में उन लोगों को रखा गया है, जो प्रभावित व्यक्तियों के संपर्क में आए हैं। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज राजौरी में शिफ्ट कर दिया गया है। तीसरे जोन में बाकी गांव के लोगों को शामिल किया गया है। यहां सभी पर नजर रखने के लिए पुलिस और मेडिकल स्टाफ तैनात है। सेंट्रल फोरेंसिक सांइस लैबोरेट्री (CFSL) चंडीगढ़ की एक टीम गांव में पहुंचकर लोगों की जांच कर रही है। 

https://twitter.com/ANI/status/1881910028728504434?t=5EPUrKbT9JQEOt9pgD-CEg&s=19
प्रशासन ने संभाली खाने-पीने की जिम्मेदारी 
गांव में भीड़ जुटाने पर पूरी तरह से पाबंदी है। किसी भी सार्वजनिक या निजी समारोह की अनुमति नहीं दी गई है। कंटेनमेंट जोन में भोजन और पानी तक की जिम्मेदारी प्रशासन ने संभाल ली है। घरों में पहले से मौजूद खाने-पीने के सामान के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन ने सभी संदिग्ध खाद्य पदार्थों को जब्त करने का आदेश दिया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी हाल में लोग संक्रमित सामग्री का सेवन नहीं करें। 
https://twitter.com/IndiaStrikes_/status/1882083136772681972?t=b6zSioCkUg3VstunJgoaNA&s=19

उमर अब्दुल्ला ने की गांव के लोगों से मुलाकात
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में गांव का दौरा किया। अब्दुल्ला ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उमर ने कहा, “हमें इस सवाल का जवाब चाहिए कि यह सब कैसे हुआ?” उन्होंने कहा कि यह मामला बीमारी तक सीमित नहीं हो सकता। केंद्र सरकार की टीम और एसआईटी जांच कर रही है। जल्द ही स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।  

जांच में मिला न्यूरोटॉक्सिन पदार्थ
स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद ने बताया कि मृतकों के नमूनों में न्यूरोटॉक्सिन पाया गया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि मौतें किस वजह से हुई हैं। नेशनल लेवल के हेल्थ संस्थान, जैसे ICMR, NCDC और DRDO, इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। पानी और खाद्य पदार्थों की जांच की जा रही है, लेकिन अब तक कोई जहरीला तत्व नहीं मिला है।  

केंद्र सरकार ने गठित की टीम
गृह मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए इंटर मिनिस्ट्रीयल टीम का गठन किया है। टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन और जल संसाधन मंत्रालय के विशेषज्ञ शामिल हैं। यह टीम न केवल मौतों के कारणों का पता लगाएगी, बल्कि ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय भी सुझाएगी। इससे पहले 15 जनवरी को स्थानीय पुलिस ने भी एसआईटी बनाई थी, जो इस रहस्यमयी बीमारी की तह तक जाने का प्रयास कर रही है। 

ViaCNE
SourceCNE
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments