CENTRE NEWS EXPRESS (18 JUNE DESRAJ)
ब्रिटेन में 19वीं सदी के अबॉर्शन कानून को अब 21वीं सदी में खत्म करने का काम शुरू हो गया है। जी हां… विक्टोरियन युग के अबॉर्शन कानून (Abortion Laws) को यूके में खत्म किय़ा जा रहा है। अबॉर्शन को अपराधमुक्त करने यूके संसद में वोटिंग हुई। संशोधन को 379 मतों के मुकाबले 137 मतों के अंतर से शुरुआती स्वीकृति मिल गई है। इसी के साथ ही 24 हफ्ते से ज्यादा वक्त तक गर्भधारण करने के बाद अबॉर्शन को अपराध घोषित करने वाले कानून को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
दरअसल ब्रिटेन (Britain) की संसद ने मंगलवार को इंग्लैंड और वेल्स में गर्भपात को अपराध से मुक्त करने के लिए मतदान किया। यह फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब 19वीं सदी के पुराने कानूनों के तहत गर्भपात कराने वाली महिलाओं की पुलिस जांच बढ़ रही है।
यह संशोधन 1861 में तत्कालीन सभी पुरुषों की संसद द्वारा पारित कानून के कुछ हिस्सों को रद्द कर देगा, जिसने जानबूझकर गर्भावस्था को खत्म करना अपराध बना दिया था। यह निर्धारित किया था कि ऐसा करने वालों को जीवन भर दंडात्मक सेवा में रखा जा सकता है। साल 1967 में कानून में बदलाव ने कुछ परिस्थितियों में गर्भपात की अनुमति दी, लेकिन 19वीं सदी के आपराधिक निषेध को बरकरार रखा।
रिपोर्ट के मुताबिक, एक स्वतंत्र संसदीय मतदान में गर्भपात कराने वाली महिलाओं के लिए सभी अभियोगों को रोकने के लिए एक संशोधन को 379 मतों के मुकाबले 137 मतों के अंतर से शुरुआती स्वीकृति मिली। 24 हफ्ते की सीमा के बाहर गर्भपात करवाने में महिलाओं की सहायता करने वाले चिकित्सा पेशेवरों पर अभी भी मुकदमा चलाया जा सकता हैय़ यह संशोधन संसद में विचाराधीन एक बड़े विधेयक का हिस्सा है और हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स में इसे संशोधित या अस्वीकृत किया जा सकता है।
‘100 महिलाओं के खिलाफ चल रही जांच…’
लेबर सांसद टोनिया एंटोनियाज़ी ने बताया कि मौजूदा कानून के कारण पिछले पांच साल में 100 महिलाओं के खिलाफ़ जांच की गई है। उन्होंने बताया कि इन मामलों में वे महिलाएं शामिल हैं, जिन्होंने वक्त से पहले बच्चे को जन्म दिया था या जिन्हें दुर्व्यवहार करने वाले पार्टनर्स द्वारा गर्भपात के लिए मजबूर किया गया था। एंटोनियाज़ी ने संसद को बताया, “इनमें से हर मामला हमारे पुराने गर्भपात कानून द्वारा सक्षम एक उपहास है. यह इंसाफ नहीं है, यह क्रूरता है और इसे खत्म किया जाना चाहिए।
हालांकि, कुछ राजनेताओं ने संसद के जरिए प्रस्तावित संशोधन को जल्दबाजी में पारित करने के खिलाफ चेतावनी दी। संभावित अनपेक्षित परिणामों की चेतावनी दी। संसद की रूढ़िवादी सदस्य रेबेका पॉल ने कहा कि अगर संशोधन कानून बन जाता है, तो ‘पूर्ण विकसित शिशुओं को एक महिला द्वारा बिना किसी परिणाम के गर्भपात कराया जा सकता है।



