CENTRE NEWS EXPRESS (29 AUGUST DESRAJ)
देशभर में राधा अष्टमी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ 31 अगस्त, रविवार को मनाया जाएगा. इस अवसर पर भक्त राधारानी की पूजा-अर्चना कर प्रेम और भक्ति का संदेश ग्रहण करेंगे. इसी क्रम में पूज्य प्रेमानंद महाराज ने भक्तों को प्रेरित करते हुए कहा कि राधा नाम का जप करना ही भक्ति की सर्वोच्च साधना है।
महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि राधा रानी केवल प्रेम और समर्पण की प्रतिमूर्ति हैं. जब तक मनुष्य अपने हृदय को पवित्र कर भक्ति के मार्ग पर नहीं चलता, तब तक जीवन का सच्चा उद्देश्य अधूरा रहता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भक्तों को इस दिन संकल्प लेना चाहिए कि वे सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के बजाय ईश्वर से आत्मीय संबंध बनाने का प्रयास करेंगे।
राधा अष्टमी के महत्व को बताते हुए महाराज ने कहा कि यह पर्व केवल पूजा का नहीं बल्कि आत्मा को जागृत करने का अवसर है. राधा नाम का स्मरण करने से जीवन में करुणा, प्रेम और शुद्धता का संचार होता है. देशभर के मंदिरों में रविवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।



